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सीतापुर भारतीय राज्य उत्तर प्रदेश का एक जिला है। जिले का मुख्यालय सीतापुर है। यह जिला नैमिषारण्य तीर्थ के कारण प्रसिद्ध है।

आत्मनिर्भर भारत अभियान के अंतर्गत खाद्य प्रसंस्करण सूक्ष्म इकाइयों को बढ़ावा देने के लिए भारत सरकार द्वारा प्रधानमंत्री सूक्ष्म खाद्य उद्योग उन्नयन योजना का आरंभ किया गया है। इस योजना के अंतर्गत असंगठित क्षेत्र के इकाईयों को एकत्र कर उन्हें आर्थिक और विपणन की दृष्टि से मजबूत किया जाएगा। 

आम को किया गया चयनित
एक जिला एक उत्पाद के अंतर्गत जिले को खाद्य सामग्री में आम के लिए चयनित किया गया है। जिसकी यूनिट लगाने पर मार्केटिग, पैकेजिग, फाइनेंशियल मदद, ब्रांडिग की मदद इस योजना के अंतर्गत किसानों को मिलेगी।

सीतापुर का आम है खास 
यहां के आम ने सभी जगह अपनी पहचान बना दी है। यहां के आम कई राज्यों में जिले की पहचान बढ़ा रहे हैं। हरियाणा व राजस्थान में सीतापुर के नाम से आम बिक रहा है।
जिले के 17 हजार 249 हेक्टेयर भूभाग पर हजारों लोग बागवानी करते हैं। इसमें सर्वाधिक खैराबाद फलपट्टी में 3 हजार 165, महमूदबाद में 2 हजार 394 व मछरेहटा में 2 हजार 112 हेक्टेयर भूभाग पर खड़ी बगियों में दशहरी झूलती है। परसेण्डी, कसमण्डा, लहरपुर, गोंदलामऊ व मिश्रिख में भी ठीक ठाक बागवानी होती है।

आम भारतीय उप-महाद्वीप का एक महत्वपूर्ण फल है तथा भारत में विश्व का सबसे अधिक आम उत्पादन होता है। बहुपयोगी होनें के कारण ही आम का भारत की संस्कृति से संबंध रहा है। आम का उत्पादन भारत में प्राचीन काल से ही किया जा रहा है। भारत में इस फल की महत्ता समाज के आर्थिक और सांस्कृतिक जीवन में इसकी उपयोगिता के कारण ही इसका विशेष महत्व है। आम का फल सभी जनमानस को सरलता से उपलब्ध होता है। इस फल की पौष्टिकता व विभिन्न गुणो के कारण ही सभी लोगो के पसन्द है। आम कच्चा हो या पक्का हो सभी तरह से प्रयोग किया जाता है। 

आम का अचार तो विश्व प्रसिद्ध है ही साथ में उसकी गुठली के अचार आदि बनते है। आम की खट्टी-मीठी चटनी, आम का पना, आम का जूस/शेक, आइसक्रीम, खटाई, रायता, आम रस का सुखाकर बनाया गया अमावट, आदि विभिन्न खाद्य पदार्थ बनाये जाते हैं।

आम उत्तर प्रदेश की मुख्य बागवानी फसल है। प्रदेश में लगभग 40-45 लाख मै.टन आम उत्पादित होता है, जो देश के कुल उत्पादन का लगभग 83 प्रतिशत है। आम उत्पादन की दृष्टि से उत्तर प्रदेश के बाद आंध्र प्रदेश, बिहार एवं कर्नाटक आम उत्पादन करने वाले अग्रणी राज्य हैं।

आम उष्ण तथा उपोष्ण दोनों प्रकार की जलवायु में पैदा किया जा सकता है। भारत में इसकी खेती समुद्र तल से 1500 मीटर की ऊॅचाई तक वाले हिमालय क्षेत्र में की जा सकती है। लेकिन व्यवसायिक दृष्टि से 600 मी0तक की ही ऊॅचाई में अधिक सफलता से पैदा किया जा सकता हैं। आम के पौधों का जड़ विन्यास काफी गहराई तक जाता है। अतः इसके विकास के लिए कम से कम 2 मीटर तक की गहराई की अच्छी मिट्टी आवश्यक है। आम के लिए सबसे उपयुक्त भूमि गहरी, उचित निकास वाली दोमट मानी गयी है।