product_image



सिंगरौली मध्य प्रदेश राज्य का 50 वाँ जिला है, जिसे 24 मई 2008 को सीधी जिले से विभाजित कर के बनाया गया, जिसमें मध्य प्रदेश के सीधी जिले के पूर्वी भाग और उत्तर प्रदेश के सोनीभद्र जिले के आसपास के क्षेत्र शामिल हैं। ऐतिहासिक रूप से सिंगरौली रीवा की एक रियासत थी, जो बघेलखंड क्षेत्र का हिस्सा था।

यह प्राकृतिक और खनिज संसाधनों से संपन्न एक क्षेत्र है | प्राचीन काल में यह क्षेत्र घने जंगलों और दुर्गम इलाकों से ढंका हुआ था | खनिज संसाधनों और तापीय विद्युत संयंत्रों के प्रचुरता के कारण इसे उर्जांचल नाम दिया गया है |

जिला मुख्यालय बैढन से 32 किलोमीटर की दूरी पर माडा में, 7 से 8 वीं शताब्दी की अवधि में कलात्मक रूप से नक्काशीदार रॉक कट गुफाएं देखी जा सकती हैं। प्रसिद्ध गुफाओं में गणेश माडा , विवाह माडा, शंकर माडा, जलजलिया और रावण माडा शामिल हैं। ये गुफाएँ रॉक कट वास्तुकला के सुंदर उदाहरण हैं।

मध्यप्रदेश के अंतर्गत ‘एक जिला एक उत्पाद’ योजना प्रारंभ की गई है। इसमें प्रत्येक जिले के एक उत्पाद को बढ़ावा देकर व्यापक रूप से प्रचारित किया जाएगा। जिलों में पैदा होने वाली फल-सब्जी और फसलों की ग्रेडिंग, पैकिंग तथा बेहतर मार्केटिंग के लिये अगले चार साल में 7 हजार 440 करोड़ रूपए खर्च कर आवश्यक नेटवर्क विकसित किया जायेगा। 

सिंगरौली जिले मे एक जिला एक जिला उत्पाद के अंतर्गत आम फसल का चयन किया गया है। एक फसल के अंतर्गत आम तैयार होने वाले उत्पाद जैसे आम, अचार, अमचुर , आम पल्प, मैगो कैडी, आम पापड़ इत्यादि का उद्योग लगाने वाले इच्छुक व्यक्ति जिला स्तर पर स्थिति सहायक संचालक उद्यान कार्यालय मे सम्पर्क कर इस योजना के संबंध मे विधिवत जानकारी प्राप्त कर सकते है।

Singrauli जिले की प्रमुख फसलें