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शामली उत्तर प्रदेश के नए बनाए गए जिलों में से एक है। इससे पहले शामली मुज़फ्फरनगर जिले का चर्चित तहसील हुआ करता था। ये पहले प्रबुद्धनगर जिले के नाम से अस्तित्व में आया था।

आत्मनिर्भर भारत अभियान के अंतर्गत खाद्य प्रसंस्करण सूक्ष्म इकाइयों को बढ़ावा देने के लिए भारत सरकार द्वारा प्रधानमंत्री सूक्ष्म खाद्य उद्योग उन्नयन योजना का आरंभ किया गया है। इस योजना के अंतर्गत असंगठित क्षेत्र के इकाईयों को एकत्र कर उन्हें आर्थिक और विपणन की दृष्टि से मजबूत किया जाएगा। 

गुड़ को किया गया चयनित
एक जिला एक उत्पाद के अंतर्गत जिले को गुड़ के लिए चयनित किया गया है। जिसकी यूनिट लगाने पर मार्केटिग, पैकेजिग, फाइनेंशियल मदद, ब्रांडिग की मदद इस योजना के अंतर्गत किसानों को मिलेगी।

मुजफ्फरनगर जिले से अलग स्थापित शामली जनपद चीनी/गुड़ के लिए राष्ट्रीय स्तर पर प्रसिद्ध है। शामली की भूमि काफी उपजाऊ है जिसके चलते जिला काफी विकसित एवं समृद्ध माना जाता है। यह जनपद उत्तर प्रदेश के उत्तरी भाग में स्थित है। नवंबर से मार्च तक इस जिले की जल-वायु स्थिति पश्चिमी उत्तरी हवाओं के कारण साल के बाकी दिनों से काफी बेहतर रहती है। यहां की भूमि का लगभग 5484 हेक्टयर क्षेत्र वनीय है। इसके अतिरिक्त शामली को विभिन्न धार्मिक स्थलों एवं विकासशील औद्योगिकीकरण के लिए भी जाना जाता है।

शामली जिला चीनी/गुड़ के लिए राष्ट्रीय स्तर पर प्रसिद्ध है। शामली में निर्मित किये जाने वाले रिम एवं एक्सल की मांग राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय बाजार में भी है। इस जिले के उत्पाद विभिन्न देशों जैसे श्रीलंका, भूटान, नेपाल एवं अफ्रीका के विभिन्न देशों में निर्यात किये जाते हैं। जिले में रिम एवं एक्सल की लगभग 30 इकाइयां स्थापित हैं। यह उद्योग जिले की अर्धकुशल एवं अकुशल आबादी के एक बहुत बड़े हिस्से को रोजगार के अवसर प्रदान कर रहा है। इन उत्पादों का निर्माण परंपरागत तकनीकों के माध्यम से किया जाता है। क्षेत्र में रिम एवं एक्सल उद्योग को आधुनिक तकनीक के माध्यम से और विकसित किया जा सकता है।

शामली जिले में प्रमुख उद्योग रिम-धुरा उद्योग, चीनी मिल एवं डिस्टिलरी, पेपर मिल, रोलिंग मिल एवं स्टील इकाइयां, रासायनिक इकाइयां, फार्मास्यूटिकल्स इकाइयां, कृषि उपकरण इकाइयां, आटा मिल/बेसन इकाइयां/खाद्य इकाइयां, कास्टिंग इकाइयां, स्टील एवं एल्यूमीनियम बर्तन उद्योग, प्लास्टिक एवं रबर उद्योग, डिस्पोज़ल प्लास्टिक क्रॉकरी, पशु-चारा उद्योग, किचन सामग्री उद्योग, पैकेजिंग उद्योग, विद्युत उद्योग, खाद्य प्रसंस्करण हैं।

गुड़ उद्योग भारत का बहुत पुराना उद्योग है तथा जहाँ जहाँ ईख पैदा होती है, यह उद्योग काफी प्रचलित है। उत्तर प्रदेश में घी उद्योग के बाद इसी का स्थान है। कृषक स्वयं ही पुराने ढंग से गुड़ बनाते हैं। दक्षिण भारत में भी यह उद्योग बहुत प्रचलित है।

शामली का गुड़ हरियाणा, पंजाब, गुजरात, मध्यप्रदेश, हिमाचल के साथ-साथ विदेशों में भी अपनी मिठास फैला रहा है।

शामली जिले की गुड़ खांडसारी इकाईयों का बना गुड़, शक्कर डिब्बों में पैकिंग होकर हरियाणा, मध्यप्रदेश, राजस्थान, गुजरात, हिमाचल और पंजाब में व्यापारियों द्वारा महंगे दामों में भेजा जा रहा है। पंजाब के माध्यम से शामली का गुड़ और शक्कर अमेरिका, कनाड़ा, और आस्ट्रेलिया देशों में अपनी मिठास घोल रहा है।