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मध्यप्रदेश में किसानों को प्रोत्सहित करने के लिए 'एक जिला एक उत्पाद' ('One District One Product') योजना शुरू की गई है। इस योजना के तहत शहडोल जिले में हल्दी की खेती को बढ़ावा देने के लिए कार्य योजना तैयार की जा रही है, या यूं कहें कि हल्दी की खेती को 'एक जिला एक उत्पाद योजना' के तहत जिले में चुना गया है।
'एक जिला एक उत्पाद योजना' के तहत शहडोल जिले में हल्दी की खेती को बढ़ावा देने के लिए चुना गया है।
'एक जिला एक उत्पाद' योजना के तहत जिले में हल्दी की फसल का चयन किया गया है। जिसमें 35% तक अनुदान उपलब्ध कराया जाएगा। कोई भी कृषक, समूह और कंपनी वाले हैं। उनके लिए 35% तक अनुदान है. एक तरह से कहा जाए तो सूक्ष्म खाद्य उद्योग इकाई पर लगभग 10 लाख तक का अनुदान योजना है. अगर हल्दी की खेती से जुड़ी कोई चीज करते हैं और कोई प्रोजेक्ट लेकर आते हैं तो, जिसमें ब्याज की राशि महज 3% है।
हल्दी का उपयोग तो कहां नहीं होता है, किचन से लेकर दवाइयों तक हल्दी का उपयोग होता है अगर हल्दी की खेती करके उसे व्यावसायिक तरीके से बेचा जाए, तो बहुत पैसे कमाए जा सकते हैं। क्योंकि हल्दी आपके किचन में भी उपयोग होती है और अगर जैविक खेती करते हैं तो औषधीय महत्व भी है। औषधि कंपनियां भी इसे अच्छे रेट में खरीदते हैं।
यहां की जलवायु हल्दी की खेती के लिए बढ़िया है, मिट्टी भी लाइट एंड सैंडी सॉइल है और सैंडी सॉइल में हल्दी अच्छी होती है और जलवायु भी ठीक है, तो हल्दी कि यहां काफी संभावनाएं हैं और अपने शहडोल जिले में हल्दी की खेती होती रही है। यहाँ हल्दी का उत्पादन भी बहुत अच्छा होता है। 

हल्दी एक महत्वपूर्ण मसाले वाली फसल है, जिसका प्रयोग मसाले, औषधि, रंग सामग्री और सौंदर्य प्रसाधन के रूप में तथा धार्मिक अनुष्ठानों में किया जाता है। हल्दी की खेती एवं निर्यात में भारत विश्व में पहले स्थान पर है। यह फसल गुणों से परिपूर्ण है हल्दी की खेती आसानी से की जा सकती है तथा कम लागत तकनीक को अपनाकर इसे आमदनी का एक अच्छा साधन बनाया जा सकता है। भारत में यह फसल आंध्र प्रदेश, उड़ीसा, पश्चिमी बंगाल, कर्नाटक और केरल में उगाई जाती है।