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भदोही जिला भारतीय राज्य उत्तर प्रदेश का एक जिला है। जिले का मुख्यालय ज्ञानपुर में है। पहले यह वाराणसी जिले में था। भदोही जिला, इलाहाबाद और वाराणसी के बीच मे स्थित है। यह जिला इलाहाबाद, जौनपुर, वाराणसी, मीरजापुर की सीमाओं को स्‍पर्श करता है। यहाँ का कालीन उद्योग विश्वप्रसिद्ध है और कृषि के बाद दूसरा प्रमुख रोजगार का स्रोत है।

भदोही जनपद का गठन 30 जून 1994 को उत्तर प्रदेश के 65वें जनपद के रूप में वाराणसी जनपद के कुछ भागों को काट कर हुआ था । भदोही का पूर्व नाम संत रविदास नगर था । यह जनपद कालीन "दरी" कला के लिए दूर दूर तक विख्यात है । पूरे दक्षिण एशिया में हाथ द्वारा निर्मित कालीन का यह एक मुख्य केंद्र है इसी लिए इस जनपद को "कालीन नगरी" के नाम से भी जाना जाता है । भारतीय कालीन तकनीक संस्थान (Indian Institute of Carpet Technology) पूरे एशिया में अपनी तरह का इकलौता संस्थान है । इस संस्थान की स्थापना कपड़ा मंत्रालय द्वारा 2001 में की गई थी । क्षेत्रफल की दृष्टि से भदोही उत्तर प्रदेश का सबसे छोटा जनपद है । इस जनपद में मात्र 175 हेक्टेयर क्षेत्र ही जो कि आरक्षित, संरक्षित, निजी व अवर्गीकृत रूप से वनाच्छादित है, कुल क्षेत्रफल का मात्र 1.70% है।

आत्मनिर्भर भारत अभियान के अंतर्गत खाद्य प्रसंस्करण सूक्ष्म इकाइयों को बढ़ावा देने के लिए भारत सरकार द्वारा प्रधानमंत्री सूक्ष्म खाद्य उद्योग उन्नयन योजना का आरंभ किया गया है। इस योजना के अंतर्गत असंगठित क्षेत्र के इकाईयों को एकत्र कर उन्हें आर्थिक और विपणन की दृष्टि से मजबूत किया जाएगा। 

प्याज को किया गया चयनित
एक जिला एक उत्पाद के अंतर्गत जिले को प्याज के लिए चयनित किया गया है। जिसकी यूनिट लगाने पर मार्केटिग, पैकेजिग, फाइनेंशियल मदद, ब्रांडिग की मदद इस योजना के अंतर्गत किसानों को मिलेगी।

भदोही जिले में लोग खाने पीने के शौकीन हैं। यहां विभिन्न तरह के पूर्वांचली व्यंजन पकाए जाते हैं । मुख्य रूप से यहां लोग नाश्ते में चने और प्याज से बनी घुघुरी और सुजी का हलवा खाना पसंद किया जाता है।