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जिला की पहचान विश्व धरोहर सांची के बौद्ध स्तूप, भीमबैठका, भोजपुर शिव मंदिर और रायसेन किला से होती है। अब टमाटर देश और दुनिया में रायसेन को नई पहचान दिलाएगा। प्रधानमंत्री प्रधानमंत्री सूक्ष्‌म खाद्य उद्योग उन्नायन योजना के अंतर्गत जिले में एक जिला एक उत्पाद टमाटर फसल का चयन किया गया है। जिला में टमाटर की देसी और हाईब्रिड दोनों ही किस्मों की पैदावार को बढ़ावा दिया जाएगा। रायसेन जिला में टमाटर की फसल का कुल रकबा 5150 हेक्टेयर है। पैदावार 131325 मीट्रिक टन है। जिले में टमाटर का रकबा बाड़ी विकासखंड में सबसे ज्यादा है। जो 1612 हेक्टेयर एवं पैदावार 42162 मीट्रिक टन है। वर्तमान में मप्र, हरियाणा, पंजाब, दिल्ली के व्यापारी रायसेन जिला आकर किसानों के खेतों से मोलभाव करके टमाटर ले जाते हैं। इसके अलावा तमिलनाडु, आंध्रप्रदेश व महाराष्ट्र इत्यादि प्रदेशों के व्यापारी भी यहां से टमाटर ले जाते हैं। बाड़ी विकासखंड के कुछ किसान अनेक राज्यों में टमाटर बेचते हैं। विकासखंड बाड़ी में टमाटर पैदावार करने वाले किसानों के दो एफपीओ बनाने की कार्रवाई की जा रही है। बाड़ी क्षेत्र में टमाटर प्रस्स्करण में उपयोग आने वाली 4 किस्मों के किसानों के प्रक्षेत्र पर प्रदर्शन डलवाए गए हैं। यह प्रदर्शन इंडस मेगा फूड पार्क खरगोन, टमाटर आधारित प्रसंस्करण इकाई फुटेक इंडस्ट्रीज के सहयोग से डाले गए हैं। यह उद्योग वर्ष 2021-22 में उत्पादन करना प्रारंभ कर देंगे। जिला में करीब 30 हजार किसान टमाटर की पैदावार में लगे हुए हैं। जिला में टमाटर आधारित प्रसंस्करण इकाई स्थापित करने के लिए उद्योगपतियों को निवेश के लिए प्रोत्साहित करने प्रशासनिक स्तर पर तैयारी की जा रही है।

जिला का बाड़ी, बरेली, उदयपुरा, अलीगंज, भारकच्छ और औबेदुल्लागंज क्षेत्र टमाटर की पैदावार के लिए अनुकूल है। यहां की जलवायु व मिट्टी की अनुकूलता के कारण कई वर्षों से टमाटर की पैदावार हो रही है।

टमाटर, (सोलनम लाइकोपर्सिकम), नाइटशेड परिवार (सोलानेसी) का फूल वाला पौधा, इसकी खाद्य फलों के लिए बड़े पैमाने पर खेती की जाती है। पौष्टिक उद्देश्यों के लिए एक सब्जी के रूप में लेबल किए गए टमाटर विटामिन सी और फाइटोकेमिकल लाइकोपीन का एक अच्छा स्रोत हैं। फलों को आमतौर पर सलाद में कच्चा खाया जाता है, पकी हुई सब्जी के रूप में परोसा जाता है, विभिन्न तैयार व्यंजनों के एक घटक के रूप में उपयोग किया जाता है, और अचार बनाया जाता है। इसके अतिरिक्त, विश्व की टमाटर की फसल का एक बड़ा प्रतिशत प्रसंस्करण के लिए उपयोग किया जाता है; उत्पादों में डिब्बाबंद टमाटर, टमाटर का रस, केचप, प्यूरी, पेस्ट, और "धूप में सुखाए गए" टमाटर या निर्जलित गूदा शामिल हैं।

टमाटर प्रसंस्करण उद्योगों में कई सहायक उत्पाद बनाए जा रहे है। टमाटर चटनी, सोस, सूप से लेकर अन्य कई खाद्य व पेय पदार्थ बनाए जा रहे हैं।