‘हीरा नगरी’ के नाम से प्रसिद्ध पन्ना मध्य प्रदेश के उत्तर-पूर्व विंध्यांचल की सुरम्य पर्वत श्रृंखलाओं के मध्य स्थित है। पन्ना जिले का वर्तमान स्वरूप पन्ना और अजयगढ़ रियासत, चरखारी, बिजावर, छतरपुर और यूनाइटेड प्रोविन्स को मिला कर हुआ है।
मध्य प्रदेश का आंवला जिला होने के नाते, पन्ना में आंवला बहुतायत में पाया जाता है। आंवला का उपयोग सबसे अधिक मुरब्बा बनाने में किया जाता है, जो स्वाद में मीठा और मसालेदार होता है। यह आंवला प्रसंस्करण करके तैयार किया जाता है और लंबे समय तक आंवले को संरक्षित करने का एक शानदार तरीका है।
आत्मनिर्भर मध्यप्रदेश बनाने के लिए एक जिला एक उत्पाद योजना प्रदेश शासन द्वारा प्रारंभ की गयी। इस योजना के तहत पन्ना जिले में आंवला उत्पाद को चुना गया। जिले में औषधि गुणों से भरपूर आंवले की प्रजाति पायी जाती है। इस प्रजाति के कारण पन्ना की पहचान पूरे देश में स्थापित हुई है। यहां पैदा होने वाले आंवले को आंवला उत्पाद मुख्य रूप से च्यवनप्राश बनाने वाली कम्पनियां आंवला खरीदती हैं। अब पन्ना जिले के लोग आंवले की खेती करने के साथ साथ आंवले के विभिन्न तरह के उत्पाद बनाएंगे। यहां स्थानीय स्तर पर ताजे आंवले से बने उत्पाद अधिक गुणकारी होंगे।
आंवला या भारतीय करौदा अमृतफल के रूप में माना जाता है। यह भारतीय उपमहाद्वीप के लिए एक स्वदेशी फल है। इसके फल विटामिन ’सी’ का एक समृद्ध स्रोत हैं। फलों को रक्तस्राव, दस्त, पेचिश, एनीमिया, पीलिया, अपच और खांसी में उपयोगी बताया गया है। त्रिफला और च्वनप्राश, आंवला से तैयार आयुर्वेदिक प्रणाली में प्रसिद्ध स्वदेशी दवाएं हैं। फलों के अलावा, पत्तियों की छाल और यहां तक कि बीजों का उपयोग विभिन्न उद्देश्यों के लिए किया जा रहा है। हालांकि, आंवला का उपयोग टेबल फल के रूप में नहीं किया जाता है, यह प्रसंस्करण उद्योगों के लिए व्यावसायिक रूप से उपयोग किया जाता है और मोरबा, चटनी, स्क्वैश, कैंडी, टॉफी श्रेड्स जैसे उत्पादों को तैयार किया जाता है, इसके अलावा कॉस्मेटिक उद्योगों में शैम्पू, बालों के तेल, रंजक आदि के रूप में उपयोग किया जाता है। औषधीय गुणों की खान आंवला फल के उत्पाद से पूरे देश में अब पन्ना की पहचान बनेगी। आत्मनिर्भर मध्यप्रदेश बनाने के लिए एक जिला एक उत्पाद योजना प्रदेश शासन द्वारा प्रारंभ की गई है। इस योजना के तहत पन्ना जिले में आंवला उत्पाद को चुना गया है। जिले में औषधि गुणों से भरपूर आंवले की प्रजाति पायी जाती है। इस प्रजाति के कारण पन्ना की पहचान पूरे देश में स्थापित हुई है। यहां पैदा होने वाले आंवले को मुख्य रूप से च्यवनप्राश बनाने वाली कम्पनियां आंवला उत्पाद बनाने के लिए खरीदती हैं। लेकिन अब पन्ना जिले के लोग आंवले की खेती करने के साथ – साथ आंवले के विभिन्न तरह के उत्पाद भी बनायेंगे। यहां स्थानीय स्तर पर ताजे आंवले से बने उत्पाद अधिक गुणकारी होंगे।
औषधीय गुण और उपयोग
- आयुर्वेद में आंवला एक महत्वपूर्ण फसल है
- फलों में विटामिन-सी का सबसे समृद्ध स्रोत है (फलों के प्रति 100 ग्राम में 700 मिलीग्राम)
- आंवला का उपयोग कर (उत्पाद)
- च्यवनप्राश
- त्रिफला चूर्ण
- मधुमेघ चूर्ण
- औषधीय गुण:
- एंटी स्कॉरबिक, मूत्रवर्धक, रेचक, एंटीबायोटिक और एंटी-पेचिश।
- अच्छा जिगर टॉनिक
- विभिन्न स्वास्थ्य देखभाल उत्पादों की तैयारी के लिए उद्योगों से अच्छी मांग भी है जैसे हेयर ऑयल, डाई, शैम्पू, फेस क्रीम और टूथ पाउडर।