product_image


नागौर (Nagaur) भारत के राजस्थान राज्य के नागौर ज़िले में स्थित एक ऐतिहासिक नगर है। अपने धार्मिक स्थलों के लिए प्रसिद्ध यह शहर ज़िले का मुख्यालय भी है।

भारत में कसूरी मेथी की खेती कुमारगंज, फैजाबाद (उत्तर प्रदेश) और नागौर (राजस्थान) में अधिक क्षेत्र में की जाती है। आज नागौर दुनियाभर में सब से अधिक कसूरी मेथी उगाने वाला जिला बन गया है। अच्छी सुगन्धित मेथी नागौर जिले से ही आती है और यहीं पर यह करोबारी रूप में पैदा की जाती है और इसी वजह से यह मारवाड़ी मेथी के नाम से भी जानी जाती है।

देश में सिर्फ नागौर में ही कसूरी नाम से फेमस मेथी की खेती की जाती है। कुछ दूसरी जगहों पर भी इसकी खेती होती है, लेकिन ऐसा अरोमा और टेस्ट वहां मेथी में नहीं आ पाया। कृषि वैज्ञानिक इसके लिए केवल नागौर की जलवायु और मिट्टी को ही अनुकूल मानते हैं।

कसूरी सुगन्धित मेथी है। इसके पौधों की ऊँचाई तकरीबन 46 से 56 सेंटीमीटर तक होती है। इस की बढ़वार धीमी और पत्तियाँ छोटे आकार के गुच्छे में होती हैं। पत्तियों का रंग हल्का हरा होता है। फूल चमकदार नारंगी पीले रंग के आते हैं। फली का आकार 2-3 सेंटीमीटर और आकृति हंसिए जैसी होती है। बीज अपेक्षाकृत छोटे होते हैं।
 
कसूरी मेथी की अच्छी उपज के लिए हल्की मिट्टी में कम व भारी मिट्टी में अधिक जुताई कर के खेत को तैयार करना चाहिए।
 
उन्नत किस्में - कसूरी मेथी की प्रचलित किस्में पूसा कसूरी व नागौरी या मारवाड़ी मेथी है।
 
बोआई का समय - कसूरी मेथी की बोआई के लिए सही समय 15 अक्टूबर से 15 नवम्बर है। अगर कसूरी मेथी को बीज के लिए उगाना है तो इसे सितम्बर से नवम्बर तक बोया जा सकता है।