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मुज़फ़्फ़रनगर (Muzaffarnagar) भारत के उत्तर प्रदेश राज्य के मुज़फ़्फ़रनगर ज़िले में स्थित एक नगर है। ज़बरदस्तपुर यह ज़िले का मुख्यालय भी है। उत्तर प्रदेश के उत्तरी भाग में स्थित मुज़फ्फरनगर मुख्य रूप से “भारत का चीनी बाउल” के नाम से जाना जाता है। जिले की अर्थव्यवस्था मुख्यतः कृषि और गन्ना, कागज और इस्पात उद्योगों पर आधारित है। मुज़फ्फरनगर राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र का हिस्सा है ।

मुजफ्फरनगर एक महत्वपूर्ण औद्योगिक शहर है, चीनी, इस्पात और कागज के साथ अनाज यहाँ के प्रमुख उत्पाद है। यहाँ की ज़्यादातर आबादी कृषि में लगी हुई है जो कि इस क्षेत्र की आबादी का 70% से अधिक है। मुजफ्फरनगर का गुड़ बाजार एशिया में सबसे बड़ा गुड़ का बाजार है। मुजफ्फर नगर में खतौली की पुली सम्पूर्ण भारत में महत्वपूर्ण है सबसे ज्यादा पृशिद है गन्ना भारत में सबसे अधिक पैदा होता है गन्ने के मिल भी सबसे ज्यादा संख्या में है। 

आत्मनिर्भर भारत अभियान के अंतर्गत खाद्य प्रसंस्करण सूक्ष्म इकाइयों को बढ़ावा देने के लिए भारत सरकार द्वारा प्रधानमंत्री सूक्ष्म खाद्य उद्योग उन्नयन योजना का आरंभ किया गया है। इस योजना के अंतर्गत असंगठित क्षेत्र के इकाईयों को एकत्र कर उन्हें आर्थिक और विपणन की दृष्टि से मजबूत किया जाएगा। 

गुड़ को किया गया चयनित
एक जिला एक उत्पाद के अंतर्गत जिले को खाद्य सामग्री में गुड़ के लिए चयनित किया गया है। जिसकी यूनिट लगाने पर मार्केटिग, पैकेजिग, फाइनेंशियल मदद, ब्रांडिग की मदद इस योजना के अंतर्गत किसानों को मिलेगी।

उत्तर प्रदेश के मुज़फ्फरनगर में एशिया की सबसे बड़ी गुड़ मंडी है। यहां से भारत के अलावा सात समंदर पार तक गुड़ जाता है। मुजफ्फरनगर जिले में हर दिन 80 हजार गुड़ के कट्टों का उत्पादन होता है। मुजफ्फरनगर जिले में 300 से अधिक कोल्हू हैं जिनमें गुड बनता है। इस कारोबार में हजारों लाेग प्रतत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से जुड़े हैं।

मुजफ्फरनगर में गुड़ एक कुटीर उद्योग है। इस उद्योग से लाखों परिवारों की रोजी-रोटी चलती है। प्रसिद्धि के कारण जनपद का गुड़ देश के कोने-कोने में जाता है। एक जनपद एक उत्पाद के लिए भी गुड़ चयनित है। जिले में आठ महीने गुड़ का उत्पादन होता है। बरसात में कारोबार के लिए शीतगृहों में गुड़ का भंडारण किया जाता है। कोल्हू-क्रेशर बंद होने के बाद शीतगृहों से गुड़ का कारोबार सुचारू रहता है।