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करौली ज़िला भारत के राजस्थान राज्य का एक ज़िला है। ज़िले का मुख्यालय करौली है।

करौली जिले में तिल के बीज (सफाई, ग्रेडिंग, सॉर्टेक्स, पैकेजिंग, रोस्टिंग और गाजाकी) को एक जिला एक उत्पाद के तहत चयनित किया गया। 

जिले मे तीनों  मौसमों में फसल की बुबाई का कार्य होता है खरीफ वर्षा पर आधारित है। जो जुलाई  माह में प्रारम्भ होता है। इसमें बोई जाने वाली मुख्य फसलें बाजरा, मक्का, तिल, ज्वार, ग्वार आदि हैं। रबी की बुवाई अक्टूबर से प्रारम्भ होती है, जिसमें मुख्यतया जौ, चना, गेहू , सरसों की बुवाई होती है। यहॉ के लोगो का मुख्य व्यवसाय कृषि एवं खनन कार्य है। भूमिगत पानी की कमी एवं सिंचाई सुविधा की कमी के कारण कृषि मुख्यतया वर्षा पर निर्भर है। कृषि विपणन के लिए जिले में हिण्डौन में कृषि उपज मण्डी एवं करौली, टोडाभीम में गौण मंडी हैं।

तिल (Sesamum indicum) एक पुष्पिय पौधा है। इसके कई जंगली रिश्तेदार अफ्रीका में होते हैं और भारत में भी इसकी खेती और इसके बीज का उपयोग हजारों वर्षों से होता आया है। यह व्यापक रूप से दुनिया भर के उष्णकटिबंधीय क्षेत्रों में पैदा किया जाता है। तिल के बीज से खाद्य तेल निकाला जाता है। तिल को विश्व का सबसे पहला तिलहन माना जाता है और इसकी खेती 5000 साल पहले शुरू हुई थी।