जयपुर जिसे गुलाबी नगर के नाम से भी जाना जाता है, भारत में राजस्थान राज्य की राजधानी है। आमेर के तौर पर यह जयपुर नाम से प्रसिद्ध प्राचीन रजवाड़े की भी राजधानी रहा है।
जयपुर जिले में टमाटर को एक जिला एक उत्पाद योजना के तहत चयनित किया गया।
जयपुर क्षेत्र के किसान टमाटर की खेती कर पूरे जिले में अपनी अलग पहचान बना ली है। जयपुर के टमाटर की मांग बिहार के अलावा झारखंड, बंगाल में काफी है। शुरुआती दौर में क्षेत्र के बहुत कम किसान टमाटर की खेती करते थे लेकिन 5 वर्षों से क्षेत्र के अधिकांश किसानों द्वारा टमाटर की खेती की जाने लगी है। जयपुर क्षेत्र के चार पंचायतों में तकरीबन 50 से 60 एकड़ भूमि पर टमाटर की खेती की जाती है।
ऐसे तो सालों भर टमाटर की खेती की जाती है लेकिन शरद ऋतु में टमाटर की खेती के लिए उपयुक्त मौसम माना जाता है। जुलाई महीने में खेतों में टमाटर का बीज उगा कर एक फीट की दूरी पर पौधे को लगाया जाता है। 15 दिनों में आवश्यकतानुसार सिंचाई कर निराई की जाती है। करीब 60 दिनों के बाद पौधे में फल आने लगता है नवंबर से जनवरी तक टमाटर खेती का उपयुक्त समय माना जाता है।
टमाटर की विशेषता
टमाटर में कार्बोहाइट्रेड विटामिन कैल्सियम की प्रचुर मात्रा पाई जाती है। इसके सेवन से लोग स्वस्थ एवं निरोग रहते हैं। फल के बाद ज्यादा मात्रा में टमाटर में ही इतने अधिक तत्व पाए जाते हैं।