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गोण्डा ज़िला भारतीय राज्य उत्तर प्रदेश का एक जिला है। इस जिले का मुख्यालय गोण्डा है। सरयू और घाघरा नदी के प्रवाह क्षेत्र में बसे होने के नाते यह ज़िला उत्तर प्रदेश के सबसे उपजाऊ जिलों में शामिल है।

आत्मनिर्भर भारत अभियान के अंतर्गत खाद्य प्रसंस्करण सूक्ष्म इकाइयों को बढ़ावा देने के लिए भारत सरकार द्वारा प्रधानमंत्री सूक्ष्म खाद्य उद्योग उन्नयन योजना का आरंभ किया गया है। इस योजना के अंतर्गत असंगठित क्षेत्र के इकाईयों को एकत्र कर उन्हें आर्थिक और विपणन की दृष्टि से मजबूत किया जाएगा। 

केला (Banana) को किया गया चयनित
एक जिला एक उत्पाद के अंतर्गत जिले को खाद्य सामग्री में केला के लिए चयनित किया गया है। जिसकी यूनिट लगाने पर मार्केटिग, पैकेजिग, फाइनेंशियल मदद, ब्रांडिग की मदद इस योजना के अंतर्गत किसानों को मिलेगी।

दुनिया में सबसे ज्यादा केला भारत में पैदा किया जाता है। भारत में महाराष्ट्र का भोसावल क्षेत्र केले उत्पादन के लिए प्रसिद्ध है। महाराष्ट्र के साथ ही यूपी, आंध्र प्रदेश, केरल और तमिलनाडु में भी केले की खूब खेती होती है। यूपी में केले की खेती डेढ़ दशक पहले शुरू हुई और देखते ही देखते ये पूरे देश में छा गया।
टिशू कल्चर के चलते यूपी के केले की देश भर में काफी मांग रहती है। बागवानी विभाग के मोटे अनुमान के मुताबिक उत्तर प्रदेश में करीब 40 लाख टन सालाना केले का उत्पादन होता है। अकेले बाराबंकी में ही 1500 हेक्टेयर में केले का क्षेत्रफल है।

परंपरागत खेती से लगातार हो रहे घाटे के कारण किसानों का मोह अब इससे भंग होता जा रहा है। किसान अब फल फूल की खेती की तरफ उन्मुख होकर अपनी तकदीर बदल रहे हैं। जनपद के करीब आधा दर्जन ब्लॉकों में बड़ी संख्या में किसान अब केले की खेती कर रहे हैं। इनमें हलधर मऊ ब्लाक का मैजापुर क्षेत्र केले का हब बन चुका है। 

एक समय था जब, यूपी में दूसरे राज्यों से केला आता था। आज यूपी का केला देश भर में छाया है। पिछले 10 साल में यूपी में केले का उत्पादन 10 गुना हो गया है। टिशूकल्चर से तैयार उच्च प्रजाति का फल, केले की बढ़ती लोकप्रियता की वजह है। दिल्ली की आजादपुर मंडी में सबसे ज्यादा मांग यूपी के केले की है। इस मंडी के जरिए यहां का केला दूसरे राज्यों को भी जा रहा है।

केले की खेती के लिए पहले महाराष्ट्र और दक्षिण भारत के तमिलनाडु, केरल, आंध्र प्रदेश सरीखे राज्य जाने जाते थे। यूपी में केले की खेती की शुरुआत करीब डेढ़ दशक पहले हुई। किसानों की रुचि को देखते हुए उद्यान विभाग और केंद्रीय उपोष्ण बागवानी संस्थान के वैज्ञानिकों ने केले की उच्च प्रजाति 'जी-9' को बढ़ावा दिया।

यूपी में अब बाराबंकी के अलावा कुशीनगर, गोरखपुर, गोंडा, बस्ती, बहराइच, लखीमपुर, सीतापुर, प्रतापगढ़, बस्ती, लखनऊ सहित कई जिलों में बड़े पैमाने पर केले की खेती हो रही है। अब तो दिल्ली के जरिए हरियाणा, पंजाब, चंडीगढ़ सहित कई राज्यों में यही का केला बिक रहा है।