फतेहपुर जिला उत्तर प्रदेश राज्य का एक जिला है जो कि पवित्र गंगा एवं यमुना नदी के बीच बसा हुआ है।[1] फतेहपुर जिले में स्थित कई स्थानों का उल्लेख पुराणों में भी मिलता है जिनमें भिटौरा, असोथर अश्वत्थामा की नगरी और असनि के घाट प्रमुख हैं। भिटौरा, भृगु ऋषि की तपोस्थली के रूप में मानी जाती है। फतेहपुर जिला इलाहाबाद मंडल का एक हिस्सा है और इसका मुख्यालय फतेहपुर शहर है।
फ़तेहपुर उत्तर प्रदेश का एक जनपद है । यह प्रशासनिक रूप से इलाहाबाद मंडल का एक भाग है । यह जनपद इलाहाबाद एवं कानपुर के मध्य में स्थित है । इस जनपद की उत्तरी सीमा गंगा व दक्षिणी सीमा यमुना नदी द्वारा सीमित है । यहाँ पर स्टील पाइप, बर्तन, स्टील फ़र्नीचर, बटन, पुली तथा माप एवं तौल से संबंधित उत्पाद बनाये जाते हैं । इन सामानों के उत्पादन की इकाइयाँ बहुधा नगरीय क्षेत्रों में स्थित हैं तथा बहुत से लोगों को रोजगार प्रदान करती हैं ।
आत्मनिर्भर भारत अभियान के अंतर्गत खाद्य प्रसंस्करण सूक्ष्म इकाइयों को बढ़ावा देने के लिए भारत सरकार द्वारा प्रधानमंत्री सूक्ष्म खाद्य उद्योग उन्नयन योजना का आरंभ किया गया है। इस योजना के अंतर्गत असंगठित क्षेत्र के इकाईयों को एकत्र कर उन्हें आर्थिक और विपणन की दृष्टि से मजबूत किया जाएगा।
आंवला को किया गया चयनित
एक जिला एक उत्पाद के अंतर्गत जिले को खाद्य सामग्री में आंवला के लिए चयनित किया गया है। जिसकी यूनिट लगाने पर मार्केटिग, पैकेजिग, फाइनेंशियल मदद, ब्रांडिग की मदद इस योजना के अंतर्गत किसानों को मिलेगी।
फतेहपुर जिले में एक जिला एक उत्पाद (ओडीओपी) योजना में आंवला का चयन होने से यमुना कटरी के गांवों के संवारने की उम्मीदें जागी हैं। बुंदेलखंड जैसे हालातों से जूझ रहे गांवों में आंवला के बागान लगेंगे तो किसानों की आय में भारी इजाफा होगा।
जिले में केला व सब्जी की खेती का बड़ा दायरा है, किसानों का मानना है कि बेशक आंवला यमुना कटरी के गांवों के लिए बेहद मुफीद लाभकारी होगा। असिचित व ऊबड़-खाबड़ जमीन में आंवला के बाग आसानी से तैयार हो जाएंगे।