ओडीओपी-पेडा
जिला- देवघरी
राज्य- झारखंड

1. जिले में कितने किसान इस फसल की फसल की खेती करते है?
 जिले का कुल क्षेत्रफल 119km2 है। . कृषि योग्य भूमि 108.3 हेक्टेयर है।

2. जिले के बारे में कुछ महत्वपूर्ण बातें?
देवघर मयूराक्षी नदी के किनारे एक पवित्र शहर है। प्राचीन बाबा बैद्यनाथ मंदिर परिसर एक महत्वपूर्ण हिंदू तीर्थ स्थल है। पास ही, शिव गंगा एक पवित्र कुंड है जहां शिव के भक्त स्नान करते हैं। देवघर का मतलब हिंदी में निवास का मतलब घर होता है। देवी-देवताओं का निवास स्थान। यह भागलपुर जिले, दुमका जिले और पश्चिम में गिरिडीह से घिरा है। देवघर में 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक और 51 शक्तिपीठों में से एक है। यह भारत का एकमात्र स्थान है जहां ज्योतिर्लिंग और शक्तिपीठ एक साथ हैं। यह श्रवण मेले के लिए भी प्रसिद्ध है।
देवघर की जलवायु शुष्क और अनुकूल है और देवघर को अभी भी एक स्वास्थ्य स्थल माना जाता है।

3. फसल या उत्पाद के बारे में जानकारी?
पेड़ा भारत का एक मीठा व्यंजन है। इसकी उत्पत्ति उत्तर प्रदेश के मथुरा से हुई है। इसकी मुख्य सामग्री खोया, चीनी और पारंपरिक स्वाद हैं। यह आकार में एक गोला है। पेड़ा का वैकल्पिक नाम पेरा और पेड़ा है। पेड़े के चर रंग उपलब्ध हैं।

4. यह फसल या उत्पाद इस जिले में क्यों प्रसिद्ध है?
मथुरा के बाद, झारखंड का देवघर प्रसिद्ध है और अपने पेड़ों के लिए जीआई या भौगोलिक संकेत टैग प्राप्त करता है, यह देवताओं को दी जाने वाली मिठाई है और कई लोगों द्वारा पसंद की जाती है।

5. फसल या उत्पाद किस चीज से बना या उपयोग किया जाता है?
पेड़ा खोया, चीनी, दूध और केसर या इलायची जैसे किसी भी स्वादिष्ट बनाने का मसाले
से बनाया जाता है। कुछ पेड़े मावा से भी बनते हैं जो सूखा दूध होता है।

6. इस फसल या उत्पाद को ओडीओपी योजना में शामिल करने के क्या कारण हैं?
इसे ओडीओपी योजना में शामिल किया गया है क्योंकि यह देवघर जिले की एक प्रसिद्ध मिठाई है और देवताओं को अर्पित की जाती है।

7. फसल या उत्पाद से संबंधित घरेलू, अंतर्राष्ट्रीय बाजारों और उद्योगों की संख्या
भारतीय मिठाई और कैंडी का बाजार वर्तमान में करीब 664 मिलियन डॉलर का है।

8. जिले में कौन सी फसलें उगाई जाती हैं? और उनके नाम?
चावल, मक्का, फूलगोभी, बंदगोभी, काले चने, अरहर, हरे चने, मूंगफली, पत्ता गोभी, टमाटर, बैगन और मिर्च जिले में उगाई जाने वाली कुछ फसलें हैं।