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दमोह मध्य भारत में स्थित मध्य प्रदेश राज्य का एक जिला है। जिला सागर संभाग का हिस्सा है। शहर का नाम हिंदू पौराणिक कथाओं के राजा नाल की पत्नी दमयंती से आता है। मुग़ल बादशाह अकबर के शासनकाल के दौरान दमोह मालवा प्रांत (सूबा) का हिस्सा था। इस नगर में शिव, पार्वती एवं विष्णु की मूर्तियों सहित कई प्राचीन प्रतिमाएँ हैं।
शहर में एक महत्वपूर्ण पशु बाजार है और कई छोटे उद्योग जैसे बुनाई, रंगाई और मिट्टी के बर्तन बनाने का काम होता है।

भारत सरकार (Central government) के द्वारा अब ‘एक जिला, एक उत्पाद’ योजना को लेकर एक विशेष कार्य योजना बनाई गई है, जिसके तहत 1 जिले में विशेष उत्पाद को पूरे देश में प्रमोट करने का काम केंद्र सरकार के द्वारा किया गया। इसी के तहत दमोह जिले की दाल को ‘दमोह की दाल’ के रूप में राष्ट्रीय स्तर पर प्रमोट किया जाएगा। वहीं इस श्रृंखला में टमाटर भी शामिल होगा।

आत्म निर्भर भारत अभियान के अंतर्गत एक जिला एक उत्पाद के तहत टमाटर फसल को चयनित किया गया है।

हॉर्टिकल्चर के माध्यम से दमोह के टमाटर को भी प्रमोट किए जाने की बात सामने आ रही है। ऐसे में आगामी दिनों में दमोह की दाल और दमोह का टमाटर एक जिला एक उत्पाद के रूप में राष्ट्रीय स्तर पर अपनी पहचान कायम करेगा।

बिना उद्यानिकी फसल के किसान की आय दुगनी नही हो सकती हैं, प्रदेश आत्मनिर्भर तब बनेगा जब प्रदेश के किसान आत्मनिर्भर बनेगें। किसान की आय दोगुनी कैसे हो, वह समृद्धशाली कैसे बने इस हेतु सरकार उद्यानिकी विभाग के माध्यम से नये नवाचारों के साथ-साथ लगातार प्रयास कर रही हैं। प्रदेश सरकार किसानों को उद्यानिकी से जोडने के लिए विशेष रूप से किसानों को प्रशिक्षित कर रही हैं।