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केंद्र सरकार द्वारा एक जिला एक उत्पाद योजना के तहत बुरहानपुर को केले के रूप में चयनित किया गया।

असीरगढ़ किला, कुण्डी भण्डारा के लिए ख्यात बुरहानपुर जिला केला उत्पादन के लिए भी जाना जाता है। एक जिला एक उत्पाद योजनान्तर्गत बुरहानपुर जिला केला उत्पादक होने से केला फसल को एक जिला एक उत्पाद के लिए चयनित किया गया है। वर्तमान में जिला का कुल सिंचित रकबा 62,327 हेक्टेयर है जिसमें से उद्यानीकि फसलों का रकबा 27,731 हेक्टेयर है जिसमें लगभग 20,522 हेक्टेयर में केला फसल का रोपण होता है।

देश में बुरहानपुर एक प्रमुख केला उगाने वाला जिला है, क्योंकि जिले में 1,03,000 हेक्टेयर कृषि योग्य भूमि में से 16,000 हेक्टेयर केले की खेती के लिए समर्पित है।

बुरहानपुर मप्र का एकमात्र केला उत्पादक जिला है। यहां के केले की सबसे ज्यादा डिमांड उत्तर भारत में है। यहां का अधिकांश केला, दिल्ली, पंजाब, हरियाणा आदि प्रदेशों में सप्लाई होता है। केले से बने चिप्स क्षेत्र में काफी लोकप्रिय हैं। इसलिए सबसे ज्यादा संभावना इसी उद्योग में नजर आती हैं। इसके अलावा केले के पत्ते से बने दोना-पत्तल, केले के रेशे से बने उत्पादों सहित सौ से ज्यादा केला आधारित उत्पादों का निर्माण हो सकता है। 

असीरगढ़ किला, कुण्डी भण्डारा के लिए ख्यात बुरहानपुर जिला केला उत्पादन के लिए भी जाना जाता है। बाहर से आने वाले पर्यटकों को जिले की विशेषता बतलाने के लिए बुरहानपुर शहर के मुख्य मार्ग शनवारा स्थित परकोटे की दीवार पर केले के मनोरमदृश्य के साथ चित्रों को उकेरा जा रहा है। जिसमें अत्यंत बारीकी के साथ केले की फसलों, पुरूष एवं महिलाओं को उकेर कर किये जा रही गतिविधियां को प्रदर्शित किया गया है।

                   

परकोटे की दीवारों पर बनाये गये यह चित्र इतने मनमोहक है कि वहां से गुजरने वाले प्रत्येक व्यक्ति को अपनी ओर आकर्षित करते है। जिससे वहां से गुजरता हुआ व्यक्ति थोड़ी देर रूककर इन चित्रों को निहारता है। यह ‘‘एक जिला एक उत्पाद‘‘ योजनान्तर्गत कार्य किया जा रहा है। उल्लेखनीय है कि बुरहानपुर जिला केला उत्पादक होने से केला फसल को एक जिला एक उत्पाद के लिए चयनित किया गया है।