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औरैया ज़िला भारत के उत्तर प्रदेश राज्य का एक ज़िला है। ज़िले का मुख्यालय औरैया है।

17 सितंबर 1997 को इटावा जनपद से दो तहसीलें औरैया और बिधूना अलग की गयीं और औरैया जनपद की स्थापना की गई । उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा चिन्हित औद्योगिक रूप से पिछड़े जनपदों में औरैया भी शामिल है । इस जनपद में मात्र दो कस्बे ऐसे हैं जहाँ पर मुख्य उद्योग स्थापित हैं, वे हैं डिबियापुर और औरैया । इस क्षेत्र के और इलाक़े निकटवर्ती जनपदों फर्रूखाबाद , मैनपुरी, आगरा , ग्वालियर और कानपुर के साथ बहुत पुराने समय से कार्यरत हैं । डिबियापुर में दाल मिलें व चावल मिलें बहुतायत में हैं । इन मिलों के अतिरिक्त यहाँ कुछ लघु उद्योगों के साथ साथ स्टील फ़र्नीचर तथा सीमेंट उद्योग भी स्थित हैं । इस मिलों के लिए कच्चा माल आगरा व कानपुर से आयात किया जाता है । मुख्य तौर पर यहाँ से चावल, दालें तथा देशी घी अन्य नगरों व राज्यों को निर्यात किया जाता है ।

औरैया नगर में लकड़ी के फ़र्नीचर का काम बड़े पैमाने पर किया जाता है । अपनी गुणवत्ता और मूल्य के कारण यहाँ के फ़र्नीचर नें अपनी माँग बाज़ारों में ही नहीं वरन आस पास के जनपदों में भी स्थापित कर ली है ।

एक जिला एक उत्पाद (वन डिस्ट्रिक्ट वन प्रोडक्ट) के तहत औरैया जिले को देशी घी उत्पाद के लिए चयनित किया गया है। औरैया में पशुपालन की बेहतर संभावनाओं को देखते हुए यह उत्पाद चुना गया है। इस योजना के तहत जिले के प्रमुख उत्पाद को राष्ट्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय पहचान दिलाया जाएगा।

औरैया जनपद प्रदेश के दक्षिणी भाग में स्थित है । यहाँ पर पशुपालन एक मुख्य व्यवसाय है । यह जनपद देशी घी का एक प्रमुख उत्पादक है । अन्य राज्यों मे यहाँ का तैयार घी भेजा जाता है ।

जिला औरैया जो कि प्रसिद्द है, देसी घी उत्पादन के लिए। जिला औरैया, दूध की धारा बहाते हुए कई राज्यों को अपने शहर का बना देसी घी बाँट रहा है। जिला औरैया का मुख्य व्यवसाय देसी घी है यहाँ के देसी घी का स्वाद कई राज्यों के घरों की रोटी को मिल रहा है।

जैसा कि आप सभी जानते ही हैं कि दूध के बहुत सारे प्रोडक्ट बनते हैं मगर घी सबसे उत्तम और लम्बे समय तक चलने वाला प्रोडक्ट है, जिसको आप वर्षों तक भी रख सकते हैं। और फिर जहाँ बात हो औरैया के घी की तो आप इसको इसका गढ़ ही समझें। औरैया जिले में में घी के लिए दूध की सप्लाई और दूसरे राज्यों से भी होती है।