अमृतसर भारत के पंजाब राज्य का एक शहर है। अमृतसर पंजाब का सबसे महत्वपूर्ण और पवित्र शहर माना जाता है। पवित्र इसलिए माना जाता है क्योंकि सिक्खों का सबसे बड़ा गुरूद्वारा स्वर्ण मंदिर अमृतसर में ही है।
अमृतसर लगभग साढ़े चार सौ वर्ष से अस्तित्व में है। सबसे पहले गुरू रामदास ने 1577 में 500 बीघा में गुरूद्वारे की नींव रखी थी। यह गुरूद्वारा एक सरोवर के बीच में बना हुआ है। यहां का बना तंदूर बड़ा लजीज होता है। यहां पर सुन्दर कृपाण, आम पापड, आम का आचार और सिक्खों की दस गुरूओं की खूबसूरत तस्वीरें मिलती हैं।

अमृतसर का बाजार काफी अच्छा है। यहां हर तरह के देशी और विदेशी कपडे़ मिलते हैं। यह बाजार काफी कुछ लाजपत नगर जैसा है। अमृतसर के पुराने शहर के हॉल बाजार के आस-पास के क्षेत्र मुख्यत: कोतवाली क्षेत्र के पास परंपरागत बाजार हैं। इन बाजारों के अलावा यहां पर अनेक कटरे भी हैं। यहां पर आभूषणों से लेकर रसोई तक का सभी सामान मिलता है। यह अपने अचारों और पापडों के लिए बहुत प्रसिद्ध है। पंजाबी पहनावा भी पूरे विश्व में बहुत प्रसिद्ध है। खासकर लड़कियों में पंजाबी सूट के प्रति बहुत चाव रहता है। सूटों के अलावा यहां पर पगडी़, सलवार-कमीज, रूमाल और पंजाबी जूतियों की बहुत मांग हैं।

अमृतसर में चार मुरब्बा की काफी पुरानी मंडी है। जहां पर पूरे देश में आचार मुरब्बा की सप्लाई की जाती है। सरकार की यह योजना कारोबार के लिए काफी लाभदायक है।

भारत सरकार व पंजाब सरकार के सहयोग से एक जिला एक उत्पाद के तहत अमृतसर की वल्ला सब्जी मंडी के नजदीक आचार मुरब्बे के कारोबार को बढ़ावा देने के लिए आधुनिक तकनीक से लैस एक इमारत का निर्माण करवाया जाएगा। इसके तहत एक ही छत के नीचे आचार मुरब्बे को बनाने तथा उसके प्रचार प्रसार के लिए हर संभव प्रयास किया जाएगा। इसके अलावा आचार मुरब्बा के कारोबार में रुचि रखने वाले लोगों को प्रशिक्षण भी दिया जाएगा।

केंद्र व राज्य सरकार मिलकर लघु खाद्य पदार्थों के कारोबार में रुचि रखने वाले नए तथा पुराने कारोबारियों के कारोबार को प्रफुल्लित करने के लिए आत्म निर्भर भारत योजना शुरू की है, जिसके तहत पांच वर्षों के लिए 306 करोड़ रुपये का बजट रखा गया है। पंजाब सरकार द्वारा हरेक जिले में ऐसे उत्पादों के उत्पादन पर जोर दिया जाएगा। इसके लिए बैंक से ऋण देने की भी सुविधा दी गई है, जिसमें सब्सिडी भी होगी।

 पंजाब में एक जिला एक उत्पाद के तहत कई शहरों को एक उत्पाद के जरिए करने की योजना बनाई गई है, जिसके तहत अमृतसर में आचार या मुरब्बा, पठानकोट में लीची, होशियारपुर में गुड़ से बने उत्पाद, कपूरथला में टमाटर, तरनतारन में नाशपाती, जालंधर में आलू, नवांशहर में मटर, फिरोजपुर में मिर्ची, लुधियाना में बेकरी, रूपनगर में खट्टे फल के प्रोडक्ट, मोहाली में गुड़, मोगा में दाल, फतेहगढ़ साहिब में गुड़, फरीदकोट में मिलक तथा मिलक से बने पदार्थ, पटियाला में अमरुद, बरनाला में मीट चिकन पोल्ट्री प्रोडक्ट, संगरूर में मशरूम, मानसा और श्री मुक्तसर साहिब में दुग्ध और दुग्ध से बने उत्पाद, बठिडा में शहद और फाजिल्का में किन्नू है।