भारत में लगातार तीसरे साल भी बेहतर मानसून रहने की आशंका है। भारतीय मौसम विभाग IMD के मुताबिक, इस साल देश में साउथ वेस्ट मानसून सामान्य रहने की उम्मीद है। पूरे सीजन में 95% बारिश का अनुमान है। मौसम विभाग ने कहा है कि अन-नीनो का खतरा कम हुआ है, मानसून से पहले अल-नीनो की स्थिति न्यूट्रल है। बता दें कि हाल ही में वेदर वेबसाइट Skymet ने इस साल के लिए अनुमान जारी करते हुए कहा था कि मानसून सामान्य रहेगा और पूरे सीजन में 96 से 104 फीसदी बारिश हो सकती है। मौसम विभाग का कहना है कि इस साल देश के हर इलाके में बेहतर बारिश का अनुमान है। IMD का कहना है कि पूरे सीजन में लंबी अवधि औसत 96 से 104 फीसदी रह सकता है। वहीं, जून से सितंबर के बीच 100 फीसदी बारिश हो सकती है। सामान्य से ज्यादा बारिश होने की संभावना 20 फीसदी है। रिपोर्ट में ये भी कहा गया है कि इस साल सूखा पड़ने की संभावना जीरो फीसदी या फिर कम से कम है। मानसून की चाल पर IMD का अनुमान 15 मई को आएगा, वहीं मानसून पर अगला अपडेट जून में आएगा। पिछले साल अप्रैल में आईएमडी ने देश में 96 फीसदी बारिश का अनुमान जताया था।
IMD की रिपोर्ट के मुताबिक इस साल जून से सितंबर में 95% बारिश का अनुमान है।
सामान्य यानी 96 फीसदी से 104 फीसदी बारिश की संभावना 41% है।
सामान्य से ज्यादा यानी 104 फीसदी से 110 फीसदी बारिश की संभावना 12% है।
भारी बारिश यानी 110 फीसदी से ज्यादा की संभावना 2% है।
सामान्य से कम यानी 90-96 फीसदी के बीच बारिश की संभावना 30% है।
90 फीसदी से कम बारिश की संभावना 16% है।
पिछल 5 साल का अनुमान और वास्तविक स्थिति
साल IMD का अनुमान स्काईमेट का अनुमान वास्तविक बारिश
2013 98% 103% 106%
2014 96% 94% 88%
2015 93% 102% 86%
2016 106% 105% 97%
2017 98% 95% 95%
मानसून का इकोनॉमी पर असर
इससे पहले 2017 और 2016 में भी मानसून सामान्य रहा था, लेकिन 2014 और 2015 में मानसून कमजोर रहने से देश को सूखे की मार झेलनी पड़ी थी। बता दें कि सामान्य बारिश से एग्रीकल्चर सेक्टर को फायदा होता है, जिसका सीधा असर देश की इकोनॉमी पर होता है। देश की जीडीपी में खेती का योगदान 16 फीसदी है, वहीं खेती से देश के 50 फीसदी लोगों को रोजगार मिलता है।